द्वारकाधीश धाम पर साध्वी भगवती बाईजी के मुखारविन्द द्वारा शिवपुराण कथा आज से
जय द्वारकानाथ की श्री राजेश्वर भगवान अन्नपूर्णा आँजणी माता धाम( सुभद्रा मंदिर )द्वारका आश्रम में साध्वी भगवती बाईजी के मुखारविन्द द्वारा शिवपुराण कथा चल रही है श्रावण महीना शंकर महादेव भगवान का महीना है ऐसे में शिव पुराण का खास महत्व है जो भी भक्त भाविक सच्चे मन से श्रावण महिने में भोलेनाथ को याद करता है बाबा उनकी कामना जरुर पुर्ण करते है शिवपुराण कथा का बहुत महत्व है अगर कोई प्राणी एक दिन भी शिव पुराण की कथा का श्रवण कर लेता है तो वह शिवलोक का अधिकारी बन जाता है ऐसें में माताजी के द्वारा शिवपुराण करने का महत्व और बढ जाता है जो जगत के कल्याण के लिए तपस्या करने वाली साध्वी के मुखारविन्द से शिवपुराण का श्रवण करना बहुत सौभाग्य है।
इस पवित्र महिने में भोलेनाथ के द्वारका के पास ज्योर्तिलिंग नागेश्वर और सोमनाथ दर्शन श्रावण महिने में करने का अवसर है और द्वारका चार धाम में एक महत्वपूर्ण धाम है द्वारकाधीश के दर्शन और माताजी का आशिर्वाद और दर्शनों का लाभ जरुर लेवे ।
पिछले साल माताजी ने पुरा श्रावण महिने त्रयंबकेश्वर में भोलेनाथ का पंचामृत अभिषेक करवाया था और पहली महिला साध्वी बनने का श्रेय हासिल किया था महाकुंभ होने के बाबजूद भी सफलता पुर्ण अभिषेक पुरा किया त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग में पन्चामृत अभिषेक पुर्ण करना संभव नही है कोई तपस्वी ही करा सकते है ।
श्रावणी पुर्णिमा रक्षाबंधन के दिन शाही स्नान के दिन भी माताजी के हाथों से पन्चामृत अभिषेक पुर्ण कर मंदिर के पुजारियों को भी अपनी तपस्या का तप महसूस करवा दिया कारण अभिषेक के शुरु करते समय पुजारियों ने इंकार किया था माताजी के काफी समय तक समझाने पर मंदिर का मुख्य पुजारी अभिषेक कराने को राजी हुआ था एक महीने का अभिषेक पुर्ण हुआ सभी पुजारियों ने अपने खंबाला नाशिक आश्रम में आकर माताजी का आशिर्वाद लिया और कहा बहुत साल पुरानी बात है उस समय के शंकराचार्य द्वारा यह अभिषेक किया गया था और अभी माताजी के द्वारा पुर्ण हुआ है पुजारी ने आश्रम में उस समय कहा था यह माताजी कोई देवी रूप में है मेरा बङा सौभाग्य है कि इस अभिषेक में मुझे साक्षी बनने का मौका मिला त्रयंबकेश्वर में माताजी ने पुरे समाज और सभी संसार के कल्याण लिए अभिषेक किया था
इस समय द्वारका में शिवपुराण कथा भी समाज और जगत के कल्याण के लिए माताजी कर रहें है इसमें भागीदार बनें ।
श्रावणी पुर्णिमा रक्षाबंधन के दिन शाही स्नान के दिन भी माताजी के हाथों से पन्चामृत अभिषेक पुर्ण कर मंदिर के पुजारियों को भी अपनी तपस्या का तप महसूस करवा दिया कारण अभिषेक के शुरु करते समय पुजारियों ने इंकार किया था माताजी के काफी समय तक समझाने पर मंदिर का मुख्य पुजारी अभिषेक कराने को राजी हुआ था एक महीने का अभिषेक पुर्ण हुआ सभी पुजारियों ने अपने खंबाला नाशिक आश्रम में आकर माताजी का आशिर्वाद लिया और कहा बहुत साल पुरानी बात है उस समय के शंकराचार्य द्वारा यह अभिषेक किया गया था और अभी माताजी के द्वारा पुर्ण हुआ है पुजारी ने आश्रम में उस समय कहा था यह माताजी कोई देवी रूप में है मेरा बङा सौभाग्य है कि इस अभिषेक में मुझे साक्षी बनने का मौका मिला त्रयंबकेश्वर में माताजी ने पुरे समाज और सभी संसार के कल्याण लिए अभिषेक किया था
इस समय द्वारका में शिवपुराण कथा भी समाज और जगत के कल्याण के लिए माताजी कर रहें है इसमें भागीदार बनें ।
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