भगवान करे सभी गावों को हिमांशु पटेल जैसा सरपंच मिले
आँजणा समाज की प्रतिभा हिमांशु पटेल हमे गर्व है उन परगुजरात के इस गांव के आगे फेल हैं देश के कई बड़े शहरपुसरी। गुजरात के अहमदाबाद से लगभग 100 किलोमीटर दूरएक गांव में वो सारी सुविधाएं मौजूद हैं, जो कि आपको शायद देश के कई बड़े शहरों में भी ना मिले।
इस गांव में सीसीटीवी कैमरा से लेकर वाटर प्यूरीफाइंग प्लांट्स, एसी स्कूल, वाई-फाई और बायोमैट्रिक मशीनों जैसी सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। इस गांव की इतनी तरक्की का श्रेय जाता है यहां के सरपंच को, जिन्होंने महज आठ साल में इस गांव को स्मार्ट विलेज में बदल दिया। इस सपने को पूरा करने में 16 करोड़ रूपए का खर्च आया।गांवों के लोगों को ऎसी सुविधाएं मुहैया कराने का जिम्मा यहां के 31 वर्षीय सरपंच हिमांशु पटेल (आँजणा) ने उठाया है। हिमांशु ने गुजरात यूनिवर्सिटीसे अपनी ग्रेजुएशन पूरी की थी और वर्ष 2006 में महज वे 23 साल की उम्र में सरपंच चुने गए थे। आठ साल पहले तक इस गांव में न ही बिजली-पानी थी और न ही सड़कें। पटेल ने देखा कि गांव के विकास के लिए पैसा काफी है, लेकिन इस पैसे का सही जगह इस्तेमाल नहीं किया जा रहा।अगले आठ सालों में पटेल ने जिला प्रशासन के साथ मिलकरजिला योजना आयोग, पिछड़ा क्षेत्रीय अनुदान निधि, 12वें वित्त आयोग, स्वयं सहायता समूह योजना जैसे संस्थाओं और कार्यक्रमों के जरिए पैसा इकट्ठा किया, जिसे उन्होंने गांव के विकास के लिए इस्तेमाल किया।हाल ही में गांव के विकास को देखते हुए ग्रामीण और शह विकास के केन्द्रीय मंत्रालयों की टीम "पुंसरी मॉडल" को करीब से जानने के लिए गांव आई थी। शिक्षा की अहमियत को समझते हुए गांव के सरपंच हिमांशु पटेल ने गांव में स्कूल निर्माण पर विशेष ध्यान दिया है। जहां साल 2006 में 300 बच्चे स्कूल जाया करते हैं, वहीं अब ये संख्या दुगुनी हो गई है। गांव के स्कूलोेंमें सिर्फ एसी ही नहीं बल्कि कंप्यूटर और प्रोजेक्टर्स सुविधाएं भी उपलब्ध है। see punsari village modal pdf