आप भी जानिए संत श्री मालारामजी महाराज के जीवन अनछुए पहलु।
जन जन के आस्था के प्रतिक श्री श्री 1008 श्री मालारामजी महाराज के जीवन से जुड़े अनछुए पहलु।
जीवन परिचय :
बीँजा गाँव के ही श्री तेजारामजी डांगी एवं श्रीमति हस्तुमां के सुपुत्र श्री मालारामजी का जन्म विक्रम संवत् 1980 के आस पास गांव बीँजा मेँ ही हुआ|
श्रीप्रभूरामजी एवं फुआरामजी के भ्राता श्री मालारामजी का ध्यान बचपन से ही भक्तितभाव मेँ लग गया था। श्री मालारामजी की शादी गाँव के ही श्री खिमारामजी सिलौण की बेटी श्रीमति अणसी देवी के साथ हो गई थी। लेकिन गृहस्थी जीवन से उन्होने जीवन को दूर कर दिया था एवं श्री धन्ना भारतीजी एवं गुरूदेव श्री राजेश्वर भगवान को गुरु माने वाले श्री मालारामजी महाराज ने धुमडा पीपली झाल बीँजा पर 12 वर्ष तक एकांत मेँ तपस्या की।
तपस्या के साथ साथ वहां एक तालाब,बावडी एवं बेरियोँ का निर्माण भी अपने करवाया,उसी दौरान जैन संत श्री खीमारामजी जो कृष्ण भगवान का मोदीखाना खोलने बींजा आये, तो आप उनके सम्पर्क मेँ आये और धीरे धीरे श्री खीमदासजी की समाधि के पास ही विक्रम सम्वत् 2052 मिगसर सुदी 6 को जीवित समाधि लेकर संसार को अलविदा कह दिया। उस दिन से हर वर्ष मिगसर सुदी 6 को गाँव बीँजा मेँ भव्य मेल का आयोजन होता है।
मन्दिर मेँ पुजा-पाठ की जिम्मेदारी श्री मांगीलालजी सुपुत्र श्री फुआरामजी डांगी जो श्री मालारामजी की समाधि के वक्त भी उपस्थित थे।
मन्दिर व्यवस्था संचालन हेतु ट्रस्ट मण्डल का गठन भी हो चुका है, जिसमें अध्यक्ष-श्री मंगलाराम पटेल नया चेण्डा, उपाध्यक्ष-श्री सोनाराम पटेल रुपावास, श्री चतराराम पटेल धोलेरिया, सचिव-श्री भगाराम चौधरी चेण्डा, कोषाध्यक्ष-श्री दुर्गाराम पटेल रूपावास, सह कोषाध्यक्ष-श्री तेजाराम करवड मालवा, श्री बालाराम पटेल हरावास, श्री चिमनाराम पटेल रामपुरा आदि कार्यकारिणी के सदस्य ट्रस्ट का संचालन करते हैं।
स्रोतः रमेश एस.आँजणा नया चेण्डा